वन मंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में पोरिया अमलडीहा के बीच बीमार 50 साल उम्र की मादा हाथी की हालत मेें सुधार नहीं हो रहा है। रविवार को ग्लूकोज चढ़ाने के बाद भी लेटी रही। अब वन अमला हाथी को स्वयं ही भोजन खिला रहे हैं। कटहल के साथ ही गुड़ में दवा दे रहे हैं। लेकिन वह उठ नहीं पा रही है। डीएफओ प्रियंका पाण्डेय, एसडीओ आशीष खेलवार के साथ ही डॉक्टरों की टीम बीमार हाथी की निगरानी कर रही है।

मादा हाथी की आंख कमजोर हो चुकी है। इस वजह से वह सूंघकर ही खाना खा रही थी। लेकिन, अब वह लेटने के बाद उठ नहीं पा रही है। काफी कमजोर होने के कारण स्वास्थ्य में भी कोई सुधार नहीं हुआ है। जंगल सफारी रायपुर के विशेषज्ञ डॉ. राकेश वर्मा वापस लौट गए हैं। रायगढ़ के डॉ. जयेन्द्र खुंटे, कोरबा के पशु चिकित्सक डॉ. गुर्जर व सोनी मौके पर रहकर इलाज कर रहे हैं। जिस स्थल पर मादा हाथी बीमार पड़ी है, उसे प्लास्टिक से छावनी बनाकर रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि पहले से ही कमजोर होने के कारण दवाई का असर जल्दी नहीं होगा। वैसे भी उम्र अधिक हो गई है। कटघोरा वन मंडल के पसान परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है। ग्राम बनखेता में दंतैल हाथी ने मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही 6 किसानों की धान की फसल रौंद दी। एक सप्ताह के भीतर आसपास गांव में हाथी 15 से अधिक मकानों को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं।