 क्वेटा। काबुल में तालिबान का कब्जा होने के बाद भी पाकिस्तान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में पाक तालिबान के आत्मघाती हमले में फ्रंटियर कोर के 4 सैनिकों की मौत हो गई, 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हमले के बाद इसकी जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ले ली है। अफगानिस्तान में टीटीपी तालिबान का सहयोगी संगठन है और लंबे समय से पाक में अपना संगठन चला रहा है।
क्वेटा। काबुल में तालिबान का कब्जा होने के बाद भी पाकिस्तान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में पाक तालिबान के आत्मघाती हमले में फ्रंटियर कोर के 4 सैनिकों की मौत हो गई, 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हमले के बाद इसकी जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ले ली है। अफगानिस्तान में टीटीपी तालिबान का सहयोगी संगठन है और लंबे समय से पाक में अपना संगठन चला रहा है।
क्वेटा के डीआइजी अजहर अकरम ने बताया कि मस्तुंग रोड पर यह हमला फ्रंटियर कोर की सोना खान चेकपोस्ट पर किया गया। यहां एक आत्मघाती हमलावर मोटरसाइकिल पर आया और उसने सैनिकों के ट्रक में टक्कर मारकर विस्फोट कर दिया। घायलों में 18 सैनिक फ्रंटियर कोर के ही हैं। इस घटना की जिम्मेदारी टीटीपी ने लेकर पाकिस्तान को यह संदेश दे दिया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनवाने के बाद भी वह चैन से नहीं बैठ पाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना की निंदा की।
बलूचिस्तान में दो सप्ताह पहले ही जियारत जिले में एक बारूदी सुरंग के विस्फोट में तीन सिपाहियों की मौत हो गई थी। रायटर ने पुलिस के हवाले से बताया है कि आत्मघाती हमलावर की मोटरसाइकिल में करीब छह किलोग्राम विस्फोटक बंधा हुआ था। गृह मंत्री शेख राशिद ने बताया कि हमला उस समय हुआ, जब चौकी की सुरक्षा व्यवस्था को बदला जा रहा था। हमला अफगानिस्तान की सीमा से 100 किमी. दूर हुआ है। पिछले दिनों एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा था कि पाक तालिबान अफगानिस्तान से आकर हमले कर रहा है।
 
			





