प्रदेश में पहली बार पूरे जिले को ही बना दिया कंटेटमेंट जोन, फैसले पर उठ रहे सवाल, नाखुश जिलेवासी..

knn24news/ कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला प्रशासन ने अचानक पूरे जिले को कंटेटमेंट जोन में तब्दील करने का बड़ा आदेश जारी कर दिया गया हैं। पुरे प्रदेश में अब तक शायद इतने बड़े इलाके को या उस पुरे जिले को कंटेटमेंट जोन में तब्दील नही किया गया था। कंटेटमेंट जोन का आदेश शुक्रवार की शाम को जारी किया गया, ऐसे में जिला प्रशासन की बैठक में हुए फैसलों के बाद अचानक कंटेटमेंट जोन घोषित करने को लेकर कई सवाल खड़े हो गए है। बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों, समाजिक कार्यकर्ताओ, नेताओं का कहना है कि बैठक में जिले को लॉकडाउन ना करने का निर्णय लिया गया था और फिर शुक्रवार को जिला प्रशासन ने पूरे जिले को कंटेटमेंट जोन बनाने का फैसला किया। ऐसा तब हुआ जब पूर्व में 8 अप्रैल को कलेक्टर कोरिया द्वारा जनप्रतिनिधियों व्यापारियों को लेकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चर्चा की गयी थी तब जिले में लॉकडाउन नही लगाये जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन बैठक के एक दिन बाद 9 अप्रैल को कलेक्टर ने कोरिया जिले में 11 अप्रैल से शाम 6 बजे से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। इस नए आदेश के बाद इस अवधि में कोरिया जिले की सभी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी जायेंगी। इस दौरान केवल मेडिकल दुकान को निर्धारित समय पर खुलने की छुट दी जायेगी। दूध एवं न्यूज पेपर वितरण का समय निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही कई तरह की प्रतिबंध जारी किया गया है।
सवाल कई पर जवाब ?
कोरिया जिला प्रशासन द्वारा जारी कंटेनमेंट जोन बनाये जाने के आदेश पर सवाल और बवाल दोनों ही उठने लगे हैं, लोगों का कहना हैं कि ऐसा आदेश जारी करने के पूर्व कलेक्टर द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं जनप्रतिनिधियों से किसी तरह की कोई चर्चा नही की गयी। जबकि इसके पूर्व व्यापारियों के बीच हुई वार्ता में लॉकडाउन या पुरे जिले को ही कंटेटमेंट जोन घोषित किए जाने के कोई संकेत नही दिये गये थे। ऐसे में अचानक कलेक्टर कोरिया द्वारा नए आदेश कैसे जारी कर दिया गया और कंटेनमेंट जोन दौरान सख्त प्रतिबंध भी लगाये गये है ऐसे में आम लोगों को अपनी कई जरूरत की चीजों को प्राप्त करना मुश्किल होगा। इसके संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश भी नही है। इस अवधि में कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकल सकता ऐसे में क्या वह दूध सब्जी व अन्य जरूरी सामानों के लिए कहाँ जायेगा। जबकि इसके लिए कुछ घंटों की छुट भी नही दी गयी है। जबकि पूर्व में कंटेटमेंट जोन में हर तरह की मदद प्रशासन के जिम्मे होती थी, अब तो देखना है कि इस कंटेटमेट जोन में प्रशासन किस तरह से लोगों की म करता है।
व्यापारियों ने दिया प्रशासन को सुझाव, सौपा पत्र
जिले में कंटेनमेंट जोन के रूप में घोषित लॉक डाउन के बारे में व्यापारियों ने जिला प्रशासन को सुझाव दिया हैं कि…..कोरिया जिले में स्थित इतनी ज्यादा गंभीर नहीं है कि इस तरह का लॉक डाउन लगाया जाए। 9 तारीख की पॉजिटिव रिपोर्ट में कोरिया जिले में 78, पड़ोसी जिले पेंड्रा, सूरजपुर और अंबिकापुर में 78, 119 और 202 केस थे। फिर भी सरगुजा, सूरजपुर, बिलासपुर पेंड्रा गौरेला मरवाही आदि जिलों
में भी लॉक डाउन नही लगाया गया है बल्कि उक्त जिलों में सिर्फ समय संशोधित किया गया है। पिछले वर्ष के लॉक डाउन से हुए नुकसान से अभी आम जनता एवं व्यापारी आज तक सम्हल नहीं पाए हैं और उसके बावजूद एक बार और लॉक डाउन बर्दास्त नही कर पाएंगे। इस तरह अचानक लॉक डाउन लगाने से दैनिक जीवकोपार्जन करने वाले गरीब लोग ओर दैनिक मजदूर करने वाले तो पूरी तरह असहाय हो जाएंगे और उनका अपने परिवार का भरण पोषण करना असंभव हो जाएगा नवरात्रि एवं रमजान जैसे बड़े त्योहार इसी समय हैं और ऐसे समय इस तरह का सम्पूर्ण लॉक डाउन लगने से दैनिक जीवकोपार्जन करने वाले लोगों के सामने अपना और अपने परिवार का भरण पोषण असंभव हो जाएगा। उक्त अति आवश्यक बिन्दुओ पर कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए विचार करे, अन्य जिलों के तरह कोरिया जिले की आम जनता किसानों एवं व्यापारियों को राहत प्रदान करते हुए पूर्ण बंदी की जगह समय में संशोधन किया जाना चाहिए।
कन्टेनमेंट जोन को लेकर भी तर्क वितर्क
प्रदेश में पहली बार पूरे जिले को कंटेटमेंट जोन बनाये जाने पर भी लोगों में आपसी बहस छिड़ गई हैं। आम लोगों का कहना हैं कि इतने बड़े क्षेत्र में पहली बार कंटेटमेंट जोन घोषित किया गया है। जबकि कंटेटमेंट जोन वो इलाका होता है, जहां कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हों और प्रशासन को लगता है कि वहां से और संभावित मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में उस इलाके को सील किया जाता है। एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर पुलिस तैनात की जाती है। लोगों को वहां से आने-जाने की इजाजत नहीं होती है। इसका उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ये कन्टेनमेंट जोन बिल्डिंग, हाऊसिंग सोसाइटी से लेकर स्लम पॉकेट और अस्पताल तक हो सकते हैं। सबसे बड़ा अंतर ये है कि कंटेनमेंट जोन के तीन किलोमीटर के दायरो को पूरी तरह सील कर दिया जाता है। यहां किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होती।
गरीब और दैनिक मजदूर क्या करें
कोरिया जिले में 11 अप्रैल शाम 6 बजे से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित तो कर दिया गया पर जिला प्रशासन ने दैनिक जीवकोपार्जन करने वाले गरीब और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों के लिए कुछ नही सोचा। आदेश में ये भी स्पस्ट होना चाहिए था कि इस अवधि में दैनिक जीवकोपार्जन करने वाले गरीब और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को होने वाली असुविधा का खयाल कौन रखेगा।