कोरबा। कोरबा जिले की लगभग 40 हजार महिलाओं से अरबों रुपए की कथित धोखाधड़ी करने वाली फ्लोरामैक्स कंपनी पर अब शिकंजा कसता नजर आ रहा है। इस पूरे मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। अब इस घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी करेगी।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस मामले की शिकायत आयोग में दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि कंपनी ने ग्रामीण महिलाओं को लालच देकर 30-30 हजार रुपए का लोन निकलवाया और उनसे लगभग 120 करोड़ रुपए का निवेश कंपनी में कराया गया। शिकायत के बाद आयोग ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को इस संबंध में 30 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं।
आयोग ने जताई सख्ती, 30 दिन में मांगा जवाब
आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा कि यह मामला गंभीर वित्तीय अनियमितता और आदिवासी महिलाओं के आर्थिक शोषण से जुड़ा है। इसलिए इसमें SC-ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज करते हुए समयबद्ध जांच सुनिश्चित की जाए। साथ ही, आयोग ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा तैयार चालान की प्रमाणित प्रति आयोग को भेजी जाए।
13 आरोपी गिरफ्तार, 10 को मिली जमानत
आयोग के समक्ष बिलासपुर संभाग आयुक्त सुनील कुमार जैन ने बताया कि जांच के दौरान कंपनी से जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 10 आरोपी जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं को राहत दिलाने के लिए आरोपियों की संपत्तियों की तलाश की जा रही है, और कुछ संपत्तियां बरामद भी की गई हैं।
पीड़ित महिलाओं को मिलेगा न्याय
आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाए तथा पीड़ित महिलाओं को मुआवजा और न्याय दिलाने की दिशा में राज्य सरकार शीघ्र कदम उठाए।












