
भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड अंडर वेदांता ग्रुप स्थानीय ठेकेदारों व्यापारियों एवं सप्लायर्स के साथ ऐसा पेश आ रही है जैसे कि इस संयंत्र को स्थानीय लोगों ने कुछ दिया ही नहीं।
बल्कि ऐसा नहीं है स्थानीय लोगों ने इस संयंत्र में अपने खून पसीने के साथ-साथ अपनी जाने भी गवाही है।
और आज जब संयंत्र तरक्की की राह पर अग्रसर है तब संयंत्र के मैनेजमेंट द्वारा एक ऐसा आदेश जारी कर दिया जाता है की जिसका भी सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से कम होगा वह हमारे संयंत्र में काम करने योग्य नहीं है संयंत्र उसे काम नहीं देगी। और फिर बाहरी कंपनियों को अपने कमीशन सेट करने के साथ बुलाया जाता है और उन से काम करवाया जाता है।
स्थानीय ठेकेदारों व्यापारियों एवं सप्लायर्स का बहिष्कार कर उन्हें संयंत्र से बाहर कर दिया जाता है।
जबकि कोई भी उद्योग किसी क्षेत्र में लगाए जाते हैं तो उसका फायदा सर्वप्रथम उस क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को हो ऐसा तय होने के बाद ही लगाया जाता है या उसकी परमिशन मिलती है परंतु जब उद्योग लग जाता है उसके बाद उद्योगपति अपनी नई नई पॉलिसी लाकर स्थानीय लोगों को इस तरह से प्रताड़ित करते हैं।
परंतु बालको प्रबंधन यह अच्छे से समझ ले कि हम उनकी यह दुराचारी नीति अब नहीं चलने देंगे अगर स्थानीय लोगों को काम नहीं देंगे स्थानीय व्यापारियों को काम नहीं देंगे तो हम बालको प्रबंधन का भी व्यापार चलने नहीं देंगे।
इसलिए बालको प्रबंधन या तो अपनी इस नीति को बदले और सभी स्थानीय ठेकेदारों और व्यापारियों एवं सप्लायर्स को प्राथमिकता देते हुए काम दे।
अन्यथा उग्र आंदोलन से निपटने हेतु हो जाएं तैयार…








