
कोरबा। ऊर्जा धानी कहलाने वाला कोरबा देश की आधे से अधिक हिस्से को रोशन करता है जिसके कारण कोरबा पूरे देश में एक अलग पहचान रखता है बिलासपुर रेल मंडल को भी कोरबा के कारण ही कमाऊ पूत कहा जाता है डीएमएफ के कारण कोरबा भी प्रशासनिक अधिकारियों का पसंदीदा बना हुआ है लेकिन इन सबके बाद भी जो हक कोरबा को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं बावजूद इसके स्थानीय मंत्री की शपथ प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते ऐसा हमारा नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी प्रपत्र खुलासा हुआ है कहते हैं और नियम भी है कि 60 साल के ऊपर के लोग पूरी दक्षता के साथ अपने कार्य को नहीं कर सकते लेकिन ऐसा क्या है की अपार आयुक्त अशोक शर्मा को पिछले 3 कार्यकाल से लगातार नियुक्तियां प्रदान की जा रही है क्या इसमें स्थानीय मंत्री मंत्री जयसिंह अग्रवाल को भी कोई फायदा है ???
नगर निगम कोरबा क्षेत्र में कराए जा रहे निर्माण कार्य इस बात को साबित करते हैं कि केवल अपने निजी स्वार्थों की सिद्धि के लिए मंत्री के इशारे पर बिना किसी योजना के विकास कार्य के नाम पर सिर्फ जनता का पैसा बहाया जा रहा है। आए दिन विकास कार्यों के नाम पर नए नए टेंडर निकाले जाते हैं और इन टेंडरों के माध्यम से अपने लोगों को लाभ पहुंचाया जाता है।
रिटायरमेंट के बाद ही अशोक शर्मा को एक ही स्थान पर बार-बार संविदा नियुक्ति देना भी इस बात को सही साबित करता है कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के मकसद से ही उनको निगम के उच्च पद पर बैठा कर उन के माध्यम से अपने हितों की पूर्ति की जा रही है कई बार इस बारे में शिकायत भी की गई लेकिन कार्रवाई नहीं की गई अब जबकि जांच जारी है तब देखना होगा कि इस मामले में क्या तथ्य सामने आते हैं












