
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की। उन्होंने हैरानी जताते हुए पूछा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए अपनी कुंभकर्ण जैसी नींद से कब जागेगी।
प्रधान ने टीएमसी सरकार पर उम्मीदवारों की शिकायतों का निवारण न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन उम्मीदवारों की शिकायतों का समाधान करने की इच्छुक नहीं है जो स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, इस मामले में राज्य के एक पूर्व मंत्री और कई अधिकारियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह दक्षिणेश्वर मंदिर के दर्शन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार सामने आया है। लंबे समय से आंदोलन कर रहे उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार अपनी कुम्भकर्ण जैसी नींद से कब जागेगी। कुंभकर्ण रामायण का एक पौराणिक पात्र है, जो साल में छह महीने सोता था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस घोटाले में धन की जांच कर रहा है। ईडी ने 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने उनके फ्लैट्स से सराफा, आभूषण और संपत्ति के दस्तावेजों के अलावा नकदी जब्त करने का दावा किया था।
वहीं सीबीआई ने सोमवार को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति सुबीर भट्टाचार्य को 2016 में सहायक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने दावा किया कि उन्होंने एसएससी भर्ती में कथित अनियमितता को लेकर अगस्त में राज्य सरकार को एक एक पत्र भी भेजा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।












