स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट : कोरोना काल में डिजिटल पढ़ाई ने आंखों की रोशनी कर दी कम, 24 हजार बच्चों को लगा चश्मा

रायपुर । कोरोना काल में बच्चों को ज्यादा देर तक आनलाइन पढ़ना महंगा साबित हुआ है। एक साल के भीतर प्रदेश के 23 हजार बच्चों की आंखों की रोशनी कम हुई है। धुंधली आंखों का यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में सामने आया है। इन बच्चों की आंखों की जांच हुई है। वर्ष-2021-22 में शासकीय अस्पतालों में आंखों की समस्या लेकर 23,731 बच्चों को चश्मा लगाया गया है। ये ऐसे बच्चे हैं, जिनकी आंखें बेहद कमजोर थीं।

नेत्र चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में पहले आंखों की समस्या लेकर बेहद कम बच्चे पहुंचते थे। वहीं, अब माह में 300 से अधिक पहुंच रहे हैं। जांच और काउंसलिंग में सामने आता है कि आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्या का मुख्य कारण कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल पर निर्भरता है। विशेषज्ञों की मानें तो उनका कहना है कि कोरोना से पहले बच्चे शारीरिक खेल खेलते थे। वहीं, कोरोना काल में अधिकांश समय मोबाइल और कंप्यूटर पर बीता है। मोबाइल और कंप्यूटर का उपयोग एक निश्चित समय के लिए किया जाना जरूरी है।