Knn24.com/कोरबा। नगर पालिक निगम में पदस्थ कई कर्मचारी पद के अनूरूप काम नहीं कर रहे है। अधिकारियों द्वारा उनसे दिगर कार्य कराया जा रहाहै। नियमितिकरण से पहले मस्टर रोल में ये कर्मी कुछ और कार्य करते थे। नियमिति करण कुछ और पद पर हुआ तथा पदोन्नति भी अन्य पद पर की गई। जिसमें कई पात्र कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है जिससे उसमें गहरा आक्रोश है।

इस संबंध में सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम कर्मी द्वादशराम साहू जो मस्टर रोल में कार्य करते थे। वर्ष २००८ में उनका नियमिति करण जेसीबी ऑपरेटर के पद पर अधिकारियों द्वारा किया गया। अब उनसे जेसीबी का कार्य न करवाकर साकेत भवन में वाहन शाखा में लिपिक का काम करवाया जा रहा है। इसी प्रकार श्रुतिलाल साहू मस्टर रोल में मजदूर थे। २००८ में जब नियमितिकरण किया गया तो इलेक्ट्रिशियन बना दिया गया। उनका नियमितिकरण इलेक्ट्रिशियन के पद किया गया। अब उनसे साकेत भवन मेंं चपरासी का काम करवाया जा रहा है। निगम कर्मी कोसिक नियमितिकरण से पूर्व कार चलाते थे। २००८ में उनका नियमितिकरण जेसीबी ऑपरेटर के पद पर किया गया। निगम के अधिकारियों द्वारा उनसे जेसीबी न चलवाकर कार चलवाया जा रहा है। निगम कर्मी मार्शल नियमितिकरण से पूर्व लाईट लायसेंस पर कार चलाया करते थे। २००८ में जेसीबी ऑपरेटर के पद पर नियमितिकरण किया गया। गौतम अघरिया कचड़ा वाहन चला रहे थे। उसे मोटर मैकेनिक के पद पर पदोन्नत किया गया। उनसे उक्त कार्य न करवाकर कचड़ा वाहन चलवाया जा रहा है। महेंद्र ठाकुर पहले मस्टर रोल में मजदूर का काम करते थे। २००८ में उनका नियमितिकरण हेण्डपंप मेकेनिक के पद पर किया गया। अभी उनसे समयपाल का काम कराया जा रहा है। विनय कुमार साहू मस्टर रोल में मजदूर थे। २००८ में हेण्डपंप मेकेनिक के पद पर उनका नियमितिकरण किया गया। उनसे स्वच्छता निरीक्षक का काम वर्तमान में कराया जा रहा है। निगम कर्मी गिरवर विश्वकर्मा नियमितिकरण से पूर्व पलम्बर का काम करते थे। २००८ के बाद उसे सफाई दरोगा बनाया गया। अभी हाल ही में पदोन्नति सफाई निरीक्षक के पद पर कर दी गई है। प्रेम प्रकाश मस्टर रोल में हेल्पर मजदूर का काम कार्य करते थे। २००८ में रेगुलर हुए हाल के प्रमोशन सूची में उनका नाम सहायक राजस्व अधिकारी के रूप में की गई है। राम प्रसाद पहले हेल्पर मजदूर के पद पर कार्यरत थे। २००८ में रेगुलर हुए फिलहाल स्वच्छता का प्रभार देख रहे है। पवन वर्मा वर्ष २००८ के पहले तदर्थ में थे बाद में एक साथ दो प्रमोशन लेकर सांख्यिकी अधिकारी से सीधे निगम के सचिव बन गए। इस प्रकार निगम के अधिकारियों ने कर्मचारियों के नियमितिकरण व प्रमोशन में काफी झोलझाल किया है। जहां उपरोक्त कर्मचारियों के अलावा अन्य को लाभ देने का प्रयास किया वहीं कुछ के साथ अन्याय कर दिया। सुनील कुमार चौरसिया मस्टररोल में जहां इलेक्ट्रिशियन का काम किया करते थे। २००८ में नियमितिकरण के समय उद्यान का माली बना दिया गया। उन्हें अब तक एक भी प्रमोशन नहीं दिया गया। सुनील की तरह कई और भी कर्मचारी है जिन्हें पदोंन्नति से वंचित रखा गया है जबकि ये लोग कई वर्षों से एक ही पद पर काम कर रहे है। भेदभाव से कर्मचारी काफी नाराज़ है