knn24news/ कोरबा। कोरोना कालखंड के समय से बंद गाडिय़ों को धीरे-धीरे ट्रैक पर लाया जा रहा है। दूसरी ओर कोरबा स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 2 और 3 की दुर्दशा पर रेल प्रबंधन का ध्यान नहीं है। रेलवे साइडिंग जैसा हाल बन जाने से यात्री काफी परेशान हैं।
इन दोनों प्लेटफार्म का उपयोग लंबे समय से कोयला मालगाडिय़ों के उपयोग के लिए रेलवे करता रहा। यात्री गाडिय़ों का संचालन बंद होने से उसने एक तरह से प्लेटफार्म 2-3 को साइडिंग ही बना दिया। स्थिति यह है कि कुछ दिनों से यात्री गाडिय़ां प्रारंभ कर लेने के साथ यहां यात्रियों की आमदरफ्त शुरू हुई है। जानकारी के बावजूद इस क्षेत्र की साफ-सफाई कराने और लोगों को राहत देने की दिशा में कोई प्रयत्न नहीं किये गए। 400 मीटर से ज्यादा लंबाई वाले प्लेटफार्म में जहां-तहां कोयला बिखरा पड़ा है। इसके अलावा रखरखाव के लिए लाये गए संसाधन और उनके अनुपयोगी सामान भी पड़े हुए हैं। इन सबसे प्लेटफार्म की स्थिति दयनीय हो चली है। चूंकि इसी हिस्से से चलकर लोगों को टे्रन की बोगी तक पहुंचना होता है, ऐसे में उनके सामने कई समस्याएं पेश आती है। लोगों के मुताबिक उन्होंने अव्यवस्था और संबंधित समस्याओं के बारे में रेल यात्री सलाहकार समिति के साथ-साथ क्षेत्रीय स्तर पर काम करने वाले सदस्यों को इसकी जानकारी दी है। स्टेशन प्रबंधन को भी अवगत कराया गया। उम्मीद की जा रही थी कि जल्द अच्छे नतीजे सामने आएंगे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।