knn24/कोरबा/ लगभग साढ़े तीन साल बाद भी जी.एस.टी. में कठिनाईया कम ना होकर बल्कि और बढती जा रही है जिसके कारण व्यापारी एवं कर सलाहकार एवं पेशेवर लगातार परेशानियों का सामना कर रहे है इसी मुद्दे को लेकर देशव्यापी विरोध किया जा रहा है इसी कड़ी में टैक्स बार, कोरबा ने 29. जनवरी.2021 को सेंट्रल जीएसटी एवं स्टेट जीएसटी भवन में अपना विरोध ज्ञापन सौंप कर जताया
1 . जीएसटी को लागू करते समय जैसा कहा गया था की यह एक गुड एन्ड सिंपल टेक्स है लेकिन वास्तविकता में जीएसटी के रिटर्न भरने एवं आईटीसी लेने के नियमो में जटिलताये बढ़ने केसाथ साथ लगातार नोटिफिकेशन जारी कर अधिनियमों में बहुत बदलाव किये जा रहे है
2 .आगत कर स्टेटमेंट (फॉर्म 2A/2B) से फॉर्म -3B में मिलान एक जटिल प्रक्रिया है, इसे सरल बनाना चाहिए
३. लेट फीस की अधिकतम सीमा तय होनी चाहिए कई परिस्थितियों में एक रिटर्न में लेट फीस पटाने जाने वाले कर (टैक्स) से भी अधिक होता है
4 जीएसटी रिटर्न के प्रावधानों को और भी सरल बनाया जाए
5 ऐसा सुझाव भी दिया गया की जिस प्रकार इनकम टैक्स में रिटर्न की एक तारिख होती है उसीप्रकार जीएसटी में भी विभिन्न रिटर्न की समय सीमा को एकीकृत किया जाये ऐसी ही विभिन्न परेशानियों को लेकर सेंट्रल एवं स्टेट जीएसटी विभाग में ज्ञापन दियागया
इस अवसर पर टैक्स बार कोरबा के पूर्व अध्यक्ष एस के अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल सचिव अभिषेक अग्रवाल, उप-सचिव रफीक मेमन, एवं गोपाल अग्रवाल, युनुश मेमन, आशीष अग्रवाल, अमर अग्रवाल, रणजीत सिन्हा, अमित अग्रवाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।