Knn24.com/ सालिहाभाठा एवं पकरिया के पटवारी विकास जायसवाल पर रिश्वत लेनेकी शिकायत पर कलेक्टर कोरबा ने शनिवार को एक जाँच कमेटी बनाकर जाँच का आदेश दिया था जिस पर ताबड़तोड़ अमल करते हुए जाँच कमेटी रविवार को ही जाँच करने पहुंच गयी लेकिन जाँच कैसी होनी है इसके बिंदु क्या होना चाहिए यह तय किये बिना या ये कह लीजिये की बिना शिकायत कर्ताओ की जानकारी के मामले को दबाने की नियत से चार ग्रामीणों को बुलाकर उनके बयां दर्ज कर खाना पूर्ति करने का प्रयास किया गया इस बात की भनक लगते ही सलीहाभांटा और पकरिया के ग्रामीणों में आक्रोश फ़ैल गया ग्रामीणों ने पुनः कलेक्टर को पत्र लिख कर पुरे मामले की जानकारी देते हुये पारदर्शी ढंग से इसकी जाँच की मांग की गयी है

कलेक्टर ने जाँच कमेटी बनाकर जाँच का आदेश तो दे दिया लेकिन जाँच कमेटी पटवारी विकास जायसवाल को बचाने का पुरे प्रयास में लगी रही जिसका सीधा उदाहरण यह है की जाँच कमेटी आरोपी पटवारी को अपने साथ लेजाकर ग्रामीणों के बयां दर्ज कर रही है जबकि शिकायत करता को इनके आने की भनक भी नहीं लगी ये कैसी जाँच की जाँच करता ग्रामीणों से कहते सुने गए की इस पटवारी के जाने के बाद दूसरा पटवारी क्या बिना रिश्वत लेके काम करेगा ग्रामीणों को समझते हुए जाँच कमेटी के सदस्य कहते है की इसी पटवारी को यहाँ काम करने का एक मौका दे दो इस बात को सुनकर ग्रामीणों के मन में यह सवाल उठ रहा है की क्या कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाने के लिए ही कमेटी बनायीं है

इस घटना के बाद ग्रामीणों ने सरपंच के नेतृत्व में कलेक्टर कोरबा को पुनः ज्ञापन देकर निष्पक्षता से जाँच कराये जाने की मांग की है वही रामपुर विधानसभ के विधायक ननकीराम कंवर से भी इस आशय की शिकायत की है