knn24news/ कोरबा। बार-बार किए जा रहे ध्यानाकर्षण के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं आने से नाराज इमली डुग्गू सीतामढ़ी क्षेत्र के लोगों ने रास्ते को बाधित कर दिया। लोगों का आरोप है कि भारी वाहनों की वजह से यहां प्रदूषण हो रहा है। कई तरह की बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं इसका नियंत्रण करने को लेकर उदासीनता दिखाई जा रही है। मौके पर चक्का जाम किए जाने से आवाजाही बाधित हो गई।
शहरी क्षेत्र में कोयला और अन्य भारी वाहनों को अन्य स्थानों तक आने जाने के लिए नगर के पीछे बायपास रोड बनाई गई है। मुड़ापार अमरैया से होते हुए इमली डुग्गू के रास्ते यह मार्ग प्रस्तावित नेशनल हाईवे 49 बी में गौ माता चौक के पास कनेक्ट होता है। काफी समय से इस रास्ते की दुर्दशा हो चुकी है। वहीं समय के साथ वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन कारणों से यहां वायु प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर हो रही है। लोगों का कहना है कि सडक़ के दोनों तरफ से रिहायशी क्षेत्र मौजूद है। इस स्थिति में 24 घंटे वाहनों का संचालन होने से प्रकार की परेशानियां पैदा हो रही है। सडक़ से उडऩे वाली धूल लोगों के घरों में पहुंच रही है और उनके विभिन्न सामानों को खराब करने का जरिया बन रही है। इस मामले को लेकर 1 महीने पहले यहां के पार्षद और नागरिकों के द्वारा प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया था। सांकेतिक प्रदर्शन के साथ बताया गया था कि अगर जल्द ही इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो यहां पर चक्का जाम किया जाएगा। वाहनों को चलने नहीं दिया जाएगा लोगों की चेतावनी को अधिकारियों ने काफी हल्के ढंग से लिया और उदासीन रवैया अपनाया। नाराज होकर यहां के लोगों ने पार्षद सुफल दास महंत, उर्वशी राठौर के नेतृत्व में चक्का जाम कर दिया। नतीजा यह हुआ कि कोरबा और चांपा की दिशा में आवाजाही बाधित हो गई। दोनों रास्तों में वाहनों की लाइन लग गई। इस दौरान कहा गया कि हर हाल में नागरिक समस्या का समाधान करने के लिए काम करना होगा। लंबे समय तक लोग लॉलीपॉप से संतुष्ट नहीं हो सकते। चक्काजाम होने और इन कारणों से व्यवस्था बाधित होने की जानकारी मिलने पर अधिकारी हरकत में आए। समाधान के लिए क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं, इस बारे में विचार हो रहा है।
चर्म रोग बढऩे की शिकायत
इलाके के लोगों का आरोप है कि लगातार वायु प्रदूषण के संपर्क में आने के कारण जन स्वास्थ्य खतरा उत्पन्न हो गया है। एलर्जी से लेकर स्वसन और त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ती जा रही है। कई लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। लोगों का काफी रुपया बीमारी को ठीक करने पर खर्च हो रहा है। लोगों का सवाल है कि दूसरों के चलते हैं जो समस्याएं पैदा हो रही हैं उसका निराकरण करने के लिए लोग अपने रुपया पैसे क्यों खर्च करें लोगों की मांग है कि यहां पर नियमित रूप से परीक्षण कराने के साथ होने वाले खर्च का वहम प्रशासन करें।
