knn24.com/ नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के 11वें दिन रविवार को कई रंग दिखाई दिए। एक तरफ हजारों किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे रहे। दूसरी तरफ, भारत बंद को समर्थन देने के लिए विपक्षी पार्टियों में होड़ मच गई। एक के बाद एक पार्टी के प्रवक्ताओं के बयान आते रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि हम किसानों के भारत बंद को समर्थन देते हैं। शाम को सभी विपक्षी दलों का जॉइंट स्टेटमेंट भी आ गया।

विपक्ष के साझा बयान में सोनिया गांधी समेत 11 बड़े नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगें पूरी करे। इनमें NCP नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, DMK के चीफ एमके स्टालिन और PAGD के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, RJD के तेजस्वी यादव, भाकपा के महासचिव डी राजा, भाकपा (ML) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, AIFB के महासचिव देवव्रत विश्वास और RSP के महासचिव मनोज भट्टाचार्य शामिल हैं।

सरकार ने शुरू की 9 दिसंबर की बैठक की तैयारी

वहीं, आगे की रणनीति को लेकर किसान संगठनों के बीच सिंघु बॉर्डर पर अहम बैठक हुई। सरकार भी नौ दिसंबर को होने वाली बैठक की तैयारी करती रही। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और कैलाश चौधरी ने आपस में बात की। वहीं, NCP चीफ शरद पवार बोले कि वे इस मसले पर 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलेंगे।