मुंबई: रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने आत्महत्या के एक पुराने मामले में बुधवार को गिरफ्तार किया है। अर्नब की गिरफ्तारी को राजनेताओं ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला और आपातकाल के दिनों की याद कराने वाला बताया है, वहीं, गौरतलब है कि हाल के दिनों में अर्नब ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया है।
संजय राउत: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद ने कहा कि बदले की भावना से नहीं हुई है कार्रवाई अर्नब गोस्वामी पर पुलिस की कार्रवाई क्या बदले की भावना से हुई ये पुछे जाने पर संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र की सरकार कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करती, महाराष्ट्र में कानून का राज है। पुलिस को जांच में कोई सबूत हाथ लगा होगा तो पुलिस किसी पर भी कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा, उस चैनल ने हम सबके खिलाफ जिस प्रकार का बदनामी का कैंपेन चलाया था, झूठे इल्जाम लगाए थे। हमने तो ये कहा कि कोई झूठे इल्जाम लगाता है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए।
पीयूष गोयल: सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह फासीवादी कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1323841279839539200?s=20
तेजस्वी सूर्या: अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना नीचता भाजपा के तेज तर्रार युवा नेता और बंगलूरू दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार को संवैधानिक स्वतंत्रता के प्रति कोई सम्मान नहीं है। तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट कर कहा, ‘अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना नीचता है। महाराष्ट्र सरकार के पास कानून और संवैधानिक स्वतंत्रता के शासन के लिए कोई सम्मान नहीं है। यह हमें आपातकाल के काले दिनों की याद दिलाता है! मुझे उम्मीद है कि हर राजनीतिक नेता और मीडिया हाउस, उनके मतभेदों के बावजूद, इस समय अर्नब गोस्वामी के साथ खड़ा है।https://twitter.com/Tejasvi_Surya/status/1323841358700847105?s=20
स्मृति ईरानी: जो लोग अर्नब के साथ नहीं खड़े, वो फासीवाद के समर्थक केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘स्वतंत्र प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं।https://twitter.com/smritiirani/status/1323833070227578880?s=20
राजनाथ सिंह: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने का प्रयास
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है। कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ।https://twitter.com/rajnathsingh/status/1323896958159785984?s=21