knn24.com/कोरबा.वनपट्टे की जमीन को खेती के लिए अवैध कटाई की जा रही है। इसे रोकने के लिए एफ आरए यानि फारेस्ट राइट एक्ट एफ आरए के अनुरूप परंपरागत वनोपज से पट्टाधारियों की आर्थिक दशा सुधारने की तैयारी वन विभाग से की जा रही है। जिन लोगों को अब तक वन भूमि का पट्टा मिल चुका है उनके भू-भाग को क्लस्टर लेबल में जोड़कर वनोपज देने वाले चार, कोसम, लाख, हर्रा, बहेरा, आंवला जैसे पेड़ों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिला खनिज न्यास से मद की मांग की जाएगी।

कोरबा वन मंडल में अब तीन हजार से भी अधिक लोगों को वन भूमि का पट्टा वितरित किया जा चुका है। पट्टा वितरण के पश्चात जिस तरह से कृषि कार्य के लिए आसपास के पेड़ों को नष्ट किया जा रहा है, उसे रोकने के लिए फ ारेस्ट राइट एक्ट के तहत संरक्षण की तैयारी की जा रही है। वन मंडलाधिकारी की माने तो वास्तव में वनभूमि पट्टा के तौर पर दी गई जमीन वन विभाग की ही है। पट्टा मिल जाने से उसका उसका विक्रय का प्रावधान नहीं है। अब तक जितने लोगों को पट्टा दिया जा चुका है उनके जमीन में वनोपज देने वाले पेड़ों को बढ़ावा देने की तैयारी चल रही है। वनभूमि में पेड़ भी संरक्षित रहे और पट्टाधारी वनवासियों को आर्थिक लाभ मिले इस उद्देश्य से लाख, चार, हर्रा, आंवला के अलावा मधु उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।