जनपद उपाध्यक्ष का बहिष्कार, पुत्र पर वसूली का गंभीर आरोप

कोरबा जनपद पंचायत में उठा-पटक का दौर पंचायत प्रतिनिधियों के बीच जारी है। सरपंचों के द्वारा कभी अधिकारी तो कभी जनप्रतिनिधि को अपने निशाने पर लेकर शिकवा-शिकायत की जा रही है। अब तो 72 में से 50 पंचायत के सरपंचों ने जनपद उपाध्यक्ष का बहिष्कार तक कर दिया है।कोरबा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव और उनके पुत्र आशुतोष वैष्णव के विरूद्ध ग्राम पंचायत भुलसीडीह, नकटीखार, उरगा, जामबहार, अजगरबहार, खोड्डल, डोंगदरहा, माखुरपानी, फुलसरी, बगबुड़ा, कुकरीचोली, पहंदा, कुरूडीह, पंडरीपानी, गोढ़ी, रजगामार, सकदुकला, कोरकोमा, देवरमार, सेमीपाली, केराकछार, गोड़मा, धनगांव, कछार, मुढुनारा, तिलाईडाँड़, सोनपुरी, चचिया, तौलीपाली, जिल्गा, बरपाली, गिरारी, कटकोना, सिमकेंदा, चिर्रा, श्यांग, अमलडीहा, कोलगा, मदनपुर, पसरखेत, अखरापाली पताढ़ी, मसान, कुदुरमाल, कटबितला, पतरापाली, भैसमा सहित 50 पंचायत के सरपंचों बिगुल फूंक दिया है।सरपंचों ने कलेक्टर के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रेषित की गई शिकायत में उपाध्यक्ष एवं उनके पुत्र के द्वारा मानसिक प्रताड़ना करने का आरोप लगाया है। सरपंच संघ जनपद पंचायत कोरबा के अध्यक्ष कुल सिंह कंवर व सरपंचों ने कहा है कि आशुतोष वैष्णव अपनी मां का नाम व पद का दुरूपयोग करते हुए जनपद पंचायत क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों से अवैध वसूली का सिलसिला चला रहा है। अपने कुछ साथियों के साथ ग्रामों का दौरा कर वसूली का प्रयास करते हैं जिसकी राशि हजारों में होती है। विरोध करने पर झूठी शिकायत कर जांच कराने की धमकी दी जाती है। कई पंचायतों में वसूली राशि के बदले अपने साथियों को निर्माण कार्य भी दिलवाया गया है। ग्राम पंचायतों में स्वीकृत होने वाले कार्यों को पंचायतों की बजाय अपने साथियों से कराने दबाव डाला जाता है और मना करने पर दुर्व्यवहार करते हैं। सरपंच संघ ने उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव का सामूहिक और व्यक्तिगत बहिष्कार करने का ऐलान कर आवश्यकता पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है। सरपंच संघ के इस प्रस्ताव को सचिवों का भी समर्थन प्राप्त है। इससे एक बार फिर जनपद पंचायत क्षेत्र में राजनीति गरमा गई है।