धर्म बदलने के बाद भी आरक्षण का लाभ लेने वालो के दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने से सरपंच ने किया इंकार

कोरबा।पहली बार ऐसा कुछ सुनाई पड़ रहा है कि कोई सरपंच इन धर्मांतरण करने वालों को सबक सिखाने का काम कर रहा है…ग्राम पंचायत जामबाहर में रहने वाले “उराँव समाज” के कुछ लोग धर्मपरिवर्तित कर कुछ साल पहले ईसाई बन गए थे, लगातार गांववालों के समझाने-मनाने के बाद भी ये लोग ईसाई धर्म को ही मानते रहे, कभी भी गांव के पारंपरिक “सरना पूजा” या अन्य रीतिरिवाजों को पालन नही करते थे…लेकिन आज जब इन धर्मांतरित लोगों को लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ रही है तो फर्जी तरीके से दस्तावेज में अपने कुलदेवी-देवता शंकर-पार्वती लिखकर सरपंच को हस्ताक्षर करवाने आये थे,पर ग्राम पंचायत के सरपंच श्री सत्यनारायण भगत ने उनके दस्तावेज में ये कहते हुए हस्ताक्षर करने से मना कर दिया कि जब तुम ईसाई धर्म को मानते हो तो दस्तावेज फार्म में अपने कुलदेवता ईशा-मसीह लिखो तब हस्ताक्षर करूँगा…

अगर देश भर के जनप्रतिनिधि व सरकारी महकमा इस सरपंच की तरह जागरूक हो जाएं तो फर्जी तरीके से सरकार को चुना लगाने का जो खेल “फर्जी लोगों” के द्वारा किया जा रहा है वह पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा..!!