कोरबा-दीपका। नगर पालिका परिषद दीपका के अंतर्गत निर्माणाधीन ओवरब्रिज को लेकर विरोध के स्वर तेज़ हो गए हैं। अब यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर इस विरोध के पीछे की असली वजह क्या है। सवाल उठ रहे हैं कि जब पहले कोई विरोध नहीं हुआ, तो अब अचानक विरोध क्यों हो रहा है?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सुरक्षा और सुविधा के लिए करोड़ों रुपये की लागत से गौरव पथ मार्ग का निर्माण कराया गया था। इस मार्ग से दीपका और आसपास के क्षेत्र के लोगों को राहत देने का उद्देश्य था। लेकिन, सड़क के निर्माण के कुछ महीनों बाद ही कोयला खदानों से भारी गाड़ियों, ट्रक-ट्रेलरों के परिचालन की अनुमति दे दी गई। इसके कारण सड़क पर दुर्घटनाएं बढ़ने लगीं, जिससे आम नागरिकों में रोष बढ़ा।
ओवरब्रिज निर्माण पर विवाद
एसईसीएल द्वारा गौरव पथ मार्ग पर एक निजी कंपनी को ठेका देकर करोड़ों रुपये की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस निर्माण से नागरिकों को राहत मिलेगी। लेकिन, यूनियनों और कुछ संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।
विरोध की वजह या राजनीति?
क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि विरोध के पीछे राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थ हो सकते हैं। विरोध करने वाले संगठनों और यूनियनों पर सवाल उठ रहे हैं कि वे किनके इशारे पर यह सब कर रहे हैं।
गौरव पथ संघर्ष समिति का आंदोलन
13 अगस्त 2023 को विधानसभा चुनाव से पहले गौरव पथ मार्ग पर भारी गाड़ियों का परिचालन बंद कराने के लिए “गौरव पथ संघर्ष समिति” के बैनर तले समाजसेवियों ने लंबा आंदोलन चलाया। इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय संगठनों की मांग
कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने जिला प्रशासन से बार-बार मांग की है कि इस मार्ग पर भारी गाड़ियों का परिचालन बंद कराया जाए। लेकिन अब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
आम जनता का सवाल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ओवरब्रिज निर्माण के नाम पर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, बल्कि यह मुद्दा और अधिक जटिल हो गया है। क्षेत्र में चर्चा है कि विरोध के पीछे व्यक्तिगत हित छिपे हो सकते हैं, और आम नागरिकों की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।