knn24.com /जिस कटघोरा वनमंडलाधिकारी श्रीमती शमा फारुखी के कार्यों पर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं उसी आईएफएस ने भ्रष्ट्राचार के एक मामले में अपने ही मातहम अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की है।जहां जंगल मे तालाब निर्माण कराने के नाम पर जंगली जानवरों के हिस्से का ही पानी पी जाने वाले तत्कालीन पाली रेंजर एवं वर्तमान कटघोरा एसडीओ प्रहलाद यादव द्वारा किये गए व्यापक भ्रष्ट्राचार के मामले में शिकायत के आधार पर वनमंडलाधिकारी द्वारा जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की सिफारिश के साथ प्रहलाद यादव के भ्रष्ट्राचारित रिपोर्ट सीसीएफ व पीसीसीएफ को भेज दी है।

उक्त मामला बतरा सर्किल अंतर्गत वनांचल ग्राम कोडार के आश्रित दुमदुमी गांव से कुछ दूरी पर जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए जंगल मे निर्माण कराए गए तालाब का है।जहाँ वन्य जीवों के संरक्षण और विकास योजना के तहत कक्ष क्रमांक- 109, बेसराबहार नाला में लाखों के तालाब निर्माण की जिम्मेदारी वर्ष 2019 में पाली के तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव को मिली थी जिसके निर्माण में उक्त अधिकारी ने व्यापक तौर पर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया फलस्वरूप लाखों की लागत से निर्माण कराया गया तालाब 3 माह भी नही टिक पाया और पहली ही बारिश में पानी के बहाव से तालाब का मेढ़ फूटकर बह गया जिसमें एक बाल्टी पानी भी नही रुक पा रहा।जिसे खबर के माध्यम सामने लाया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला कांग्रेस कमेटी सचिव सुमित दुहलानी ने कटघोरा वनमंडलाधिकारी श्रीमती शमा फारुखी से लिखित शिकायत कर जांच एवं उचित कार्यवाही किये जाने मांग किया था।शिकायत को गंभीरता से लेते हुए श्रीमती फारुखी द्वारा जांच का जिम्मा पाली उपवनमंडलाधिकारी यदुनाथ डड़सेना एवं रेंजर केदारनाथ जोगी को सौपा जिन्होंने मौके पर जाकर इस तालाब की जांच की तब उन्हें ना तो पूरा तालाब मिला और ना ही तालाब में पानी।तालाब का पानी उसे बनवाने वाला अधिकारी- कर्मचारी ही पी गए थे।जांच टीम ने निर्माण स्थल का मुआयना, माप पुस्तिका और परियोजना प्रतिवेदन का अध्ययन करके 09 बिंदुओं में अपनी जांच रिपोर्ट वनमंडलाधिकारी को सौंपी जिसमें बताया गया है कि तालाब का निर्माण आधा- अधूरा किया गया है