knn24.com/रायपुर। मसाले के रूप में अदरक दुनिया का सबसे बहुपयोगी औषधीय गुण वाला पदार्थ है। सैकड़ों बीमारियों में इस चमत्कारी मसाले के औषधीय लाभों पर अनगिनत अध्ययन किए गए हैं। आधे से अधिक पारंपरिक हर्बल औषधियों में इसे शामिल किया जाता है। ऐतिहासिक अभिलेखों से भी पहले से भारत और चीन में अदरक को एक मसाले और औषधि के रूप में उपजाया और इस्तेमाल किया जाता था। स्वास्थ्य गुणों से भरपूर अदरक का उपयोग चाय से लेकर विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है, ध्यान रहे कि ये सारे गुण असली अदरक में ही पाए जाते हैं। कोरोनाकाल में, अदरक की उपयोगिता बढ़ी है। इसकी इम्युनिटी बूस्टर क्षमता लोगों को गले सम्बंधित परेशानी और सर्दी, जुकाम से दूर रखती है। अदरक की भारी मांग को देखते हुए कालाबाजरी करने वाले सक्रिय हैं। वहीं मांग और आपूर्ति का गणित बैठाने वाले बिचौलिए भी इस मौके पर जमकर फायदा उठा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बाजार में नकली अदरक भी सस्ते दामों में उपलब्ध है। इस नकली अदरक को पहचानना भी बहुत कठिन है।
अदरक खरीदते समय उसे सूंघ कर अवश्य देखें, दरअसल बाजारों में अदरक के नाम से पहाड़ी जड़ बेची जा रही है। ये जड़ देखने में बिल्कुल अदरक जैसी ही दिखाई देती है। असली अदरक की गंध तेज और तीखी होती है, अदरक को सूंघने पर अगर आपको ये तीखी गंध ना आए तो समझ जाइये कि ये अदरक नहीं वरन जड़ है। अदरक के नाम पर काफी सस्ती मिलने वाली पहाड़ी जड़ बाजार में खपाई जा रही है।
ऐसे परखें
अदरक को खुरच कर जरुर देखें, दरअसल अदरक की बाहरी सतह पतली होती है, अगर अदरक असली है तो नाखून से ही इसका छिलका आसानी से निकल जाएगा और उसकी तीखी गंध आपके नाखून में रह जाएगी।
वहीं एक और ध्यान आपको रखना है, यदि आप मिट्टी लगे अदरक के स्थान पर चिकना और साफ अदरक ले रहे तो एक बार उसे परख लीजिए। दरअसल इन दिनों बाजार में एसिड से धुला अदरक आ रहा है। एसिड से धोने के कारण यह साफ और चिकना दिखाई देता है। मिट्टी लगा अदरक धोना आसान है लेकिन कैमिकल वाला अदरक का उपयोग करना समझदारी नहीं है
सूखे हुए अदरक को सौंठ कहते हैं। भारत में यह बंगाल, बिहार, चेन्नई,मध्य प्रदेश कोचीन, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अधिक उत्पन्न होती है। यहां ये भी जान लें कि अदरक का कोई बीज नहीं होता, इसके कंद के ही छोटे-छोटे टुकड़े जमीन में गाड़ दिए जाते हैं। यह एक पौधे की जड़ है। यह भारत में एक मसाले के रूप में प्रमुख है। अदरक यह महत्वपूर्ण मसाले की फसल है। फसल अनुसार उसकी बुवाई मई महीने के पहले पखवाड़े में करते हैं। फसल के लिए गरम वातावरण अच्छा होता है।