knn24com/कोरबा समाज के बदलते दौर में रिष्तों को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं है। छोटी-छोटी बातों को लेकर रिष्ते कानून के दरवाजे तक पहुंच जाते है जिससे परिवार बिखरने में देर नहीं लगती,लिहाजा विवादों को सुलझानेे के साथ ही परिवार को उजड़ने से बचाने को लेकर ं पुलिस की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। ऐसे मामलों में समझौता कराने का पुलिस भरसक प्रयास करती है ताकी परिवार उजड़ने के बजाए संवार जाए।

बदलते समय के साथ रिश्तो में कड़वाहट आना कोई नई बात नहीं है। जिस गति से समाज का परिवेश बदल रहा है उस गति से रिश्तो की मिठास में भी गिरावट आ रही है। छोटी-छोटी बातों को लेकर उपजा विवाद इतना बढ़ जाता है,कि उसे कानून के चौखट तक पहुंचने में देर नहीं लगती। ऐसे मामलों का निपटारा करवाने में पुलिस की भूमिका काफी अहम होती है। पुलिस भी नहीं चाहती,कि विवाद के कारण किसी का परिवार उजड़ जाए लिहाजा समझौता कराना ही पुलिस की पहली प्राथमिकता होती है। कोतवाली में पती-पत्नी से जुड़े विवाद रोज आते है, जिनके कारण काफी छोटे होते है,  लिहाजा पुलिस अधिकारी समझा-बुझाकर विवाद को समाप्त करवाते है। इस विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कोतवाली थाना के प्रभारी ने कहा,कि अधिकतर मामलों में वे समझौता करा देते हैं लेकिन कई मामले काफी गंभीर होते है लिहाजा उसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी पड़ती है।

कोतवाली थाना के प्रभारी दुर्गेष शर्मा बताते हैं,कि किसी भी परिवार को टूटने से बचाने के लिए वे वो हर प्रयास करते है जिससे रिश्ता हमेशा के लिए बना रहे। फिर चाहे उसके लिए उन्हें किसी के घर ही क्यों न जाना पड़े। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया,कि पति द्वारा समय न दिए जाने से परेशान होकर एक पत्नी उनके पास पहुंची और कार्रवाई की मांग करने लगी। प्रभारी द्वारा दोनों को काफी समझाया गया तब जाकर दोनों के बीच समझौता हो सका। इसके बाद पुलिस ने दोनों के मनोरंजन के लिए सिनेमघर में फिल्म दिखाने की व्यवस्था कराई।