Knn 24.com। मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़ की एक लड़की की अवैध तस्करी का खुलासा हुआ है. पीड़िता को पहले छत्तीसगढ़ से अगवा किया गया और फिर बेच दिया गया. 18 वर्षीय पीड़िता को साल 2020 के दौरान 7 बार अलग-अलग राज्य में बेचा गया. इन ज्यादतियों से तंग आकर आखिरकार पीड़िता ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. इस मामले में मानव तस्करी रैकट चलाने वाले दंपति समेत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, मध्य प्रदेश का एक दंपति जुलाई 2020 में पीड़िता को नौकरी के नाम पर आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ के जशपुर से छतरपुर लेकर आया था, लेकिन जुल्म की इंतेहा होने पर कुछ महीने पहले पीड़िता ने खुदकुशी कर ली. इस बीच उसे कई बार बेचा गया. सबसे पहले छतरपुर निवासी एक दंपती ने उसे अगवा किया, पिता से फिरौती मांगी, रुपए नहीं मिलने पर लड़की का 20 हजार रुपये में सौदा कर दिया. सबसे आखिर में 70,000 रुपये में उसका सौदा हुआ और जबरन शादी कराई गई, जिसके बाद उसने जान दे दी.
छतरपुर एसपी सचिन शर्मा ने बताया, “अगवा लड़की को ट्रैक करने में छत्तीसगढ़ पुलिस की मदद के लिए हमने एक विशेष टीम बनाई, जिसके बाद सीरियल मानव तस्करी की बात सामने आई. पुलिस टीम ने आरोपी संतोष कुशवाह के घर पर नज़र रखी. 45 वर्षीय ललितपुर (यूपी) निवासी व्यक्ति से पूछताछ में पता चला कि लड़की मुन्ना के हाथों बेची गई थी. बाद में पीड़िता को 70,000 रुपये में खरीदकर संतोष कुशवाह ने अपने मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटे बबलू से उसकी शादी कर दी, लेकिन इस बात से परेशान होकर 10 सितंबर, 2020 को उसने आत्महत्या कर ली.
मप्र की छतरपुर जिला पुलिस ने एक युवा दंपती द्वारा चलाए जा रहे एक कथित मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो न केवल 18 वर्षीय छत्तीसगढ़ की लड़की को बेच रहा था, बल्कि उसके माता-पिता से भी पैसे की मांग कर रहा था. दरअसल, पीड़िता को जुलाई 2020 में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले दंपति नौकरी दिलाने के नाम पर लेकर आये थे, लेकिन वास्तव में यहां लाकर उसे छतरपुर के एक व्यक्ति कल्लू रायकवार को 20,000 रुपये में बेच दिया