knn24.com/ रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कोरबा के लेमरू ज़ंगल में 06 युवकों द्वारा प्रदेश की संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति के एक परिवार के तीन सदस्यों में एक किशोरी के साथ उसके पिता और चार साल की अबोध बहन के सामने दरिंदगी और हैवानियत दिखाने और बाद में उन तीनों की निर्मम हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार के विरुद्ध प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान करते हुए कहा है कि हर मोर्चे पर अपनी शर्मनाक विफलताओं का कलंक ढोती प्रदेश की कांग्रेस सरकार क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर निकम्मी साबित हो रही है। श्री साय ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर सियासी रोटी सेंकने और जुमलेबाजी करने वाली प्रदेश सरकार के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू इन मामलों को क़ानून-व्यवस्था का मसला नहीं मानने की शेखी बघारते ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। प्रदेश में आदिवासी लगातार अन्याय-अत्याचार, अनाचार के शिकार बन रहे हैं प्रदेश की मौज़ूदा कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के लिए असहनीय बोझ बन चुकी है और मुख्यमंत्री को अब अविलंब अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार के नाकारापन के चलते प्रदेश के हर इलाक़े में अपराधियों के हौसले बुलंदी पर हैं और प्रदेश सरकार उनमें क़ानून के राज का ख़ौफ़ तक पैदा करने के मामले में अपने लिजलिजी इच्छा-शक्ति और आदिवासी विरोधी राजनीतिक चरित्र से उबरने को तैयार ही नहीं है। पिछले दो वर्ष में प्रदेश में हर वर्ग की नाबालिग बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं के साथ अनाचार के शर्मनाक मामलों की बाढ़-सी आई हुई है। अपहरण और अनाचार की शिकार सबसे अधिक आदिवासी वर्ग की बच्चियों से लेकर महिलाएँ हुई हैं और प्रदेश सरकार आदिवासियों की सुरक्षा के मामले में लगातार फिसड्डी साबित हो रही है। श्री साय ने कहा कि ओछी सियासत, बदज़ुबानी और बदसलूकी करके अपनी सत्ता की बदग़ुमानी का प्रदर्शन करती कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर प्रशासन तक पूरी तरह संवेदनहीन हो चले हैं। प्रदेश के एक मंत्री को आदिवासी बालाओं के साथ दुष्कर्म के मामले को ‘छोटा-मोटा’ बताकर उसे हल्के में लेते प्रदेश देख-सुन चुका है, राजधानी में ही एक आदिवासी युवक के सरेआम बेदम पीटने और उसकी माँ के साथ बदसलूकी करने वाले कांग्रेस पार्षद को सत्ता के ज़ोर पर सख़्त क़ानूनी कार्रवाई से बचाकर शह देते प्रदेश ने हाल ही में देखा है, एक पटवारी कोरबा ज़िले में मृत दो बच्चियों के क्रियाकर्म की राशि में से शोकाकुल आदिवासी परिवारों से न केवल कमीशन खाता है, अपितु ग़लत प्रतिवेदन बनाकर उनको मिलने वाली सहायता राशि से रोकता है और फिर निर्लज्जता के साथ यह कहता है कि उसने (आरोपी पटवारी ने) शासन का पैसा बचा दिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक प्रदेश के चारों कोनों में आदिवासियों के साथ अन्याय-अत्याचार का सिलसिला चल रहा है और प्रदेश सरकार आंकड़ों का मायाजाल फैलाकर अपने ही मुँह मियाँ मिठ्ठू बनने से बाज ही नहीं आ रही है। आदिवासी किसानों तक के साथ इस प्रदेश सरकार ने जैसा छल-कपट किया है, उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का काम किया है, उसके बाद इस सरकार को अपनी कार्यप्रणाली पर यूँ इठलाना ज़रा भी शोभा नहीं देता। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने निकम्मेपन पर पर्दा डालने की कोई कोशिश अब न करे क्योंकि उसने आदिवासी वर्ग के लोगों की सुरक्षा, अस्मत और जान तक को दाँव पर लगाकर अपराधियों और दरिंदों के हाथों में सौंप दिया है। प्रदेश के भोले-भाले और सज्जन-प्रकृति के आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचारों का यह सिलसिला प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कलंकित अध्याय के रूप में दर्ज़ हो चुका है और अपने नाकारापन के इस पाप का हिसाब इस सरकार को देना ही पड़ेगा। श्री साय ने कहा कि जब प्रदेश की विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति परिवारों तक की रक्षा करने में यह प्रदेश सरकार लाचार साबित हो चली है तो फिर अपनी सत्ता की बदग़ुमानी उसके सिर चढ़कर क्यों बोल रही है और क्यों वह सत्ता में बैठी है? श्री साय ने इस अमानवीय घटना के मद्देनज़र शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर तत्काल मृतक आदिवासी की पत्नी व बच्चियों की माँ को आर्थिक सहायता पहुँचाने की मांग की है।