knn24.com/पति की मौत के बाद दीपक की पत्नी वैजयंती भी कुछ दिनों से बीमार हैं। कहती हैं, ‘मना किया था कि वैक्सीन मत लगवाओ, खतरा है। लेकिन वो माने नहीं। अब तो हमारी दुनिया ही लुट गई, पता नहीं कैसे परिवार चलेगा।’ दीपक वैक्सीन ट्रायल में गए कैसे? इस सवाल पर वे बताती हैं कि जिस टीले पर वे मजदूरी करने जाते थे, वहां किसी ने बताया कि कोवैक्सीन लगवा लो 750 रुपये मिलेंगे। वो तो घर में सबको लगवाने की बात कर रहे थे। लेकिन मैंने मना कर दिया था। जब वो इंजेक्शन लगवा कर आए तो किसी को घर में नहीं बताया। उनके पास कोई कागज-वागज भी नहीं था। जब उनके हाथ में दर्द होने लगा तो छोटे बेटे को बताया कि उन्होंने इंजेक्शन लगवाया है, तुम मम्मी को ये बात नहीं बताना। वैजयंती के मुताबिक, वैक्सीन लगवाने के अगले दिन से ही उनकी तबीयत खराब रहने लगी। दो तीन दिन बाद उन्होंने खाना-पीना कम कर दिया। कमजोरी भी रहने लगी। वो काम पर भी नहीं जाते थे। अगले दिन उल्टियां भी होने लगी। हमने कहा कि दवा ले लो, डॉक्टर से दिखा लो। लेकिन वो माने ही नहीं, हमें ही डांटने लगते थे। 20 दिसंबर को तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, खाना भी छोड़ दिया। मुहं से झाग भी निकलने लगा। और 21 की दोपहर वो हमें छोड़कर चले गए।