knn24.com/खदान में चोरी करने घुसे जिन डीजल चोरों को सुरक्षाकर्मियों ने घेराबंदी कर पकड़ा, उसे संयुक्त कार्यवाही बताकर अपनी भी पीठ थपथपाने का काम किया जा रहा है। यह कोई पहला मौका नहीं है बल्कि इससे पहले भी पश्चिमांचल के थानों की पुलिस द्वारा उन मामलों में भी अपना श्रेय लूटा जाता है जिनमें वे घटनास्थल पर रत्ती भर भी मेहनत नहीं करते। दूसरे की कार्यवाही में अपनी भी सहभागिता बताने की चर्चा कोयलांचल में गर्म है।

ज्ञात हो कि 3 मार्च 2021 को सुबह 4 बजे कुसमुंडा खदान के वर्कशाप नंबर 1 में हेड सिक्युरिटी गार्ड अमरेश कुमार सिंह सहकर्मियों रामप्यारी व बालेन्द्र सिंह के साथ प्रेट्रोलिंग कर रहा था। इस दौरान वर्कशॉप में खड़ी डोजर से कुछ लोग चोरी कर रहे थे जिन्हें घेराबंदी कर सुरक्षा गार्डों ने पकड़ा। अमरेश ने तीनों चोरों का नाम नोट किया जो रीतलाल रात्रे, जवाहरलाल व संजू नायकर थे। इनसे 35 लीटर क्षमता वाले 5 डीजल भरे जैरिकेन कीमत लगभग 14 हजार रुपए बरामद किया गया। अमरेश सिंह ने इन सभी चोरों को डीजल के साथ अपने द्वारा पकड़े जाने का उल्लेख करते हुए थाना कुसमुंडा में लिखित आवेदन पेश किया गया और थाना प्रभारी से उचित कार्यवाही का आग्रह किया। पुलिस ने प्रकरण में धारा 379, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर अपनी कार्यवाही करते हुए चोरों को न्यायालय में पेश किया। इस मामले को अपनी वाहवाही बताते हुए कुसमुंडा पुलिस ने प्रसारित किया कि सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना कुसमुंडा पुलिस व एसईसीएल सुरक्षा गार्ड की संयुक्त टीम द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया। पुलिस द्वारा लगातार डीजल चोरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करना भी बताया गया। अब यहां पर सवाल और चर्चा जायज है कि या तो पुलिस द्वारा प्रसारित की जा रही बातें भ्रामक हैं या फिर हेड सिक्युरिटी गार्ड अमरेश कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन में लिखी गई बातें झूठी हैं जिसमें किसी संयुक्त कार्यवाही या खदान तक पुलिस के आने का जिक्र तक नहीं है।