देश में फंगस का नया जानलेवा स्ट्रेन सामने आया है। इस स्ट्रेन की चपेट में आए दो मरीजों की दिल्ली एम्स में मौत भी हुई है। यह दोनों मरीज सीओपीडी यानी काला दमा से पीड़ित थे। डॉक्टरों ने इनमें से एक की आयु 54 वर्ष और दूसरे की 40 वर्ष बताई है।
दिल्ली एम्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने मिलकर चिकित्सीय अध्ययन किया है। जिसके तहत देश में पहली बार फंगस का नया स्ट्रेन मिला है। इस पर किसी भी तरह की दवा का भी असर नहीं होता है। विशेषज्ञों ने इस नए स्ट्रेन को एस्परजिलियस लेंटुलस नाम दिया है। यह पैथोजन काफी जानलेवा है जो तेजी से शरीर के विभिन्न अंगों को अपनी चपेट में लेता है। यह चंद दिन में ही घातक हो सकता है।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार एस्परजिलियस लेंटुलस ऐसा स्ट्रेन है जो फेफड़ों को संक्रमित करने के साथ ही उन्हें तेजी से अपनी चपेट में ले लेता है। हालांकि दुनिया में इस स्ट्रेन की साल 2005 में पहली बार इसकी पहचान की गई थी और अब तक कई देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन भारत में अभी तक इस तरह के फंगस की पुष्टि नहीं हुई थी और न ही ऐसा कोई मामला कभी सामने आया था।
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि इनमें से एक मरीज को दिल्ली के ही एक प्राइवेट अस्पताल से रेफर किया था। मरीज की हालत काफी नाजुक थी और कोई भी एंटी इन्फेक्शन दवाओं का असर नहीं हो रहा था। दोनों ही मरीज को ब्लैक फंगस इत्यादि में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी दी गईं लेकिन जब यह भी बेअसर रहीं तब डॉक्टरों की टीम ने एनआईवी पुणे स्थित लैब में जांच कराई और इस दौरान डब्ल्यूएचओ से भी जानकारी ली गई। डॉक्टरों ने बताया कि हफ्ते भर बाद मरीजों की मल्टी-ऑर्गन फेल्योर की वजह से मौत हो गई।
फंगस के 700 से ज्यादा स्ट्रेन
हैंडब्ल्यूएचओ से डॉ अरुणलोक चक्रवर्ती ने बताया कि एक दशक पहले तक दुनिया भर में फंगस के करीब 300 से स्ट्रेन का पता लग चुका था लेकिन अब फंगस के 700 से ज्यादा स्ट्रेन हैं। यह इंसानों को बीमार करते हैं और कई फंगस पर दवाओं का भी असर नहीं होती।
डॉक्टरों का कहना है कि इस स्थिति से बचने के लिए सबसे पहले फंगस संक्रमण से बचना जरूरी है। एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड युक्त दवाओं का इस्तेमाल खुद से न करें। मधुमेह, किडनी की बीमारी या अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों को समय पर दवाएं लेने के साथ ही खान-पान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।










