नायब तहसीलदार कुलमित्र ने बिकवा दिया जंगल मद की जमीन

कोरबा-.प्रदेश के 90 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की शिकायत है। इन भ्रष्ट अधिकारियों की सूची में कोरबा जिले के राजस्व विभाग में पदस्थ नायब तहसीलदार सुशील कुमार कुलमित्र भी शामिल हैं। इनके द्वारा शासकीय जंगल मद की भूमि की खरीदी-बिक्री अवैध रूप से कराने के साथ ही निलंबित पटवारी से अवैधानिक नामांतरण भी कराने की भी शिकायत है। इस शिकायत को 3 माह बीतने के बाद भी कार्यवाही लंबित है।

पोड़ी-उपरोड़ा अनुविभाग के अंतर्गत पसान में पदस्थ नायब तहसीलदार सुशील कुमार कुलमित्र द्वारा निलंबित पटवारी मोहनराम दिवाकर के जरिए इस फर्जीवाड़ेे को अंजाम दिया गया। पटवारी 18 सितंबर 2020 से अब तक निलंबित है। बताया गया कि पसान हल्का नंबर 3 में स्थित खसरा नंबर 174/1/थ/1 रकबा 0.015 हेक्टेयर भूमि जो कि मूल खसरा नंबर 174/1 के अधीन है और शासकीय बड़े झाड़ के जंगल मद के रूप में दर्ज है, इसकी खरीदी-बिक्री हो गई विक्रय जबकि अनुमति का अधिकार कलेक्टर को है। अवैध खरीदी-बिक्री के पश्चात सुशील कुमार कुलमित्र के द्वारा नामांतरण पर रोक न लगाकर पसान तहसील न्यायालय में प्रकरण चलाते हुए नामांतरण आदेश जारी किया गया जबकि कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य है। नामांतरण आदेश निलंबित पटवारी मोहनराम दिवाकर को दिया गया। 18 सितंबर 2020 से निलंबित पटवारी के द्वारा 29 सितंबर के आसपास नामांतरण किया गया। नामांतरण पश्चात निलंबित पटवारी का डिजिटल हस्ताक्षर 13 अक्टूबर 2020 को कराया गया जो खसरा में संलग्न है। उपरोक्त 15 डिसमिल भूमि का अवैध नक्शा बटांकन कर दिया गया है जबकि 5 डिसमिल से कम भूमि का नक्शा बटांकन नहीं होता। वर्तमान में उक्त भूमि पर एटीएम संचालित है। इस मामले की शिकायत 10 मार्च 2021 को किए जाने उपरांत कोई कार्यवाही न होने पर पुन: स्मरण कलेक्टर को कराने के साथ ही प्रतिलिपि प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व सचिव एवं कमिश्नर को भी प्रेषित की गई है।

शिकायतकर्ता रितेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मामले में जांच और कार्यवाही आज तक लंबित है जबकि नायब तहसीलदार व निलंबित पटवारी ने अपने पदीय दायित्वों से पृथक जाकर भ्रष्टाचार व शासकीय पद का दुरूपयोग किया है।