कोरबा, 30 नवंबर 2024: हरदी बाजार निवासी सोहन सिंह पोर्ते की संदिग्ध मौत ने अब नया मोड़ ले लिया है। मृतक के बेटे गौतम पोर्ते ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उनके पिता की हत्या हिन्द एनर्जी के प्रबंधन ने की थी, क्योंकि उन्होंने कंपनी के मालिकों के दबाव को नकारते हुए अपनी ज़मीन नहीं बेची। गौतम ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को ईमेल के माध्यम से इस मामले की जांच की मांग की है।
गौतम पोर्ते ने अपने पत्र में बताया कि उनके पिता सोहन सिंह पोर्ते 2008 से हिन्द एनर्जी में काम कर रहे थे और सरल स्वभाव के थे। वे किसी से विवाद नहीं रखते थे, लेकिन उनकी ज़मीन को लेकर कंपनी के मालिकों की नजर थी। सोहन सिंह के पास बिलासपुर जिले के सीपत तहसील अंतर्गत हिंडाडीह गांव में 2009 में एक भूमि थी, जिस पर हिन्द एनर्जी के मालिकों ने कब्जा करने के लिए दबाव डाला। चूंकि सोहन सिंह आदिवासी थे और अपनी ज़मीन से काफी जुड़े हुए थे, उन्होंने इसे बेचने से इनकार कर दिया।
इसके बाद, कम्पनी के मालिकों ने सोहन सिंह पर और ज्यादा दबाव डालना शुरू कर दिया। 2023 में, कंपनी के मैनेजर अब्दुल हबीब और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें मारपीट का सामना कराया और जमीन बेचने के लिए मजबूर किया। इस परेशान करने वाले माहौल के चलते सोहन सिंह डरे हुए रहने लगे थे। गौतम के मुताबिक, 10 अप्रैल 2023 को कुछ लोग उनके घर आए और उनके पिता को कंपनी के मैनेजर से फोन पर बात करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद, वे उन्हें अपने साथ ले गए और रातभर घर वापस नहीं आए। जब अगले दिन उनकी तलाश की गई, तो उनका शव पास के एक पेड़ से लटका हुआ मिला।
गौतम पोर्ते ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले की उचित जांच नहीं की और पंचनामा में उनके हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से कर दिए। जब उन्होंने ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड चेक किए, तो पाया कि उनके पिता की भूमि हिन्द मल्टी सर्विसेस पार्टनर सते अर्जुन लाल आयल और आदित्य अग्रवाल के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई थी, जो कि उनके पिता की मृत्यु के बाद, 2024 में हुआ था।
गौतम पोर्ते ने इस मामले में न्याय की मांग की है और कलेक्टर से आग्रह किया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को हैरान कर दिया है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या व्यापारिक दबावों के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान को जोखिम में डाला गया।