Knn24.com/आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के आदिवासी अपनी अस्मत और जान गंवा रहे हैं और दूसरी ओर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के सिपहसालार पिकनिक मनाते हुए ठुमके लगा रहे हैं। यहां सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के बाद कांग्रेस और उसके सिपहसालारों की जमकर किरकिरी हो रही है। प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी इसे मुद्दा बना लिया है।
दरअसल फरवरी के पहले दिन जिले के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले संरक्षित पहाड़ी कोरबा जनजाति के एक ही परिवार के तीन सदस्यों के लापता होने की सूचना पुलिस को मिली। छानबीन करने पर मंगलवार 02 फरवरी को पचपन वर्षीय पहाड़ी कोरबा, उसकी चार वर्ष की पोती का शव मिला। साथ ही सोलह वर्षीय पुत्री गंभीर अवस्था में मिली, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में किशोरी की मौत हो गयी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पहाड़ी कोरबा किशोरी के साथ सामूहिक अनाचार भी किया गया था।
अनाचार और जघन्य हत्या की इस वारदात का खुलासा 04 फरवरी को जिला पुलिस ने किया। इसके बाद स्थानीय कांग्रेस और भाजपा नेता पीड़ित परिवार के घर तक पहुंचे। जिले के तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने पच्चीस हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दी। 07 फरवरी को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का एक दल राजधानी रायपुर से कोरबा आया और पीड़ित परिवार से मिला। लेकिन जिले के राज्य सरकार के एकमात्र केबीनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अब तक पीड़ित परिवार से भेंट कर सांत्वना देने की जहमत नहीं उठाई है। जबकि वे घटना उजागर होने से लेकर अब तक लगातार जिले में ही है।