knn24.com/भारत में कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल गया है। अब जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होगा। लोगों को वैक्सीन से संबंधित पूरी जानकारी मुहैया कराने के लिए सरकार ने कुछ सवाल-जवाब (एफएक्यू) जारी किए हैं। इनके मुताबिक वैक्सीन लेना अनिवार्य नहीं है। यह आपकी मर्जी पर निर्भर होगा। यानी अगर सपा नेता अखिलेश यादव कह रहे हैं कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, तो वैसा ऐसा कर सकते हैं। साथ ही दूसरे डोज के दो सप्ताह बाद शरीर में कोरोना के खिलाफ सुरक्षा देने लायक एंटी बॉडी तैयार होंगे।

वैक्सीन कब से शुरू होगा?
बहुत जल्द। दुनिया के 18 देशों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद अब जल्द ही भारत में यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट www.mohfw.gov.in पर विजिट करें।

क्या सभी को कोरोना वैक्सीन एक साथ लगेगी?
सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता के हिसाब से शुरुआती चरण के लिए कुछ प्राथमिकता समूहों की पहचान की है। पहले ग्रुप में हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। दूसरे समूह में 50 साल से ऊपर के लोग शामिल हैं। इसमें 50 से नीचे के वे लोग भी हैं, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। यह मिलाकर 30 करोड़ लोग होते हैं, जिनका पहले चरण में वैक्सीनेशन किया जाएगा।

क्या वैक्सीन लगवाना जरूरी है?
नहीं। वैक्सीन लगवाना या न लगवाना, आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि जो भी वैक्सीन लें वे इसका पूरा कोर्स लें ताकि उन्हें वायरस से पूरी सुरक्षा मिले। साथ ही उनसे संक्रमण फैलने की आशंका कम हो।

वैक्सीन इतने कम समय में तैयार की गई है? क्या यह सुरक्षित होगी?
सुरक्षा और असर पर नियामक संस्थाओं की स्वीकृति मिलने के बाद ही देश में किसी वैक्सीन की इजाजत दी जाएगी। देश की टॉप वैक्सीन साइंटिस्ट डॉ. गगनदीप कंग के मुताबिक, जल्दबाजी का यह मतलब नहीं है कि बिना जांच-पड़ताल के लिए रेगुलेटर ने इसकी मंजूरी दे दी है। रेगुलेटर ने इन वैक्सीन के रिजल्ट्स को जांचा-परखा है। उसके बाद ही इसे इमरजेंसी अप्रूवल दिया है।

वहीं, ICMR के पूर्व प्रमुख डॉ. वीएम कटोच का कहना है कि वैक्सीन को अप्रूव करने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। जिन्हें वैक्सीन लगेगी, उनकी आगे भी निगरानी होगी। अगर कोई साइड-इफेक्ट दिखता है तो उसका उपचार होगा। कुल मिलाकर यह समझ लीजिए कि यह सबकुछ प्रक्रिया का हिस्सा है। जल्द वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं है कि लापरवाही बरती गई है।