जिले के प्रभारी मंत्री ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं, लेकिन उनके विभाग के अफसर बच्चों के लिए बनी योजनाओं को पलीता लगाने में लगे हैं। दो दिन पहले शिक्षा विभाग के बाबू के दादर स्थित निर्माणाधीन मकान में सरकारी स्कूलों में बांटने वाली ड्रेस के साथ और भी सामान मिला था। शनिवार को ड्रेस का गट्ठा नाले में बहता हुआ मिला। ग्रामीणों ने जब गट्ठे को खोलकर देखा तो शर्ट व पैंट थे।

विभाग ने दावा किया था कि पिछले सत्र की ड्रेस बच्चों को बांट दी गई है, फिर इतनी ड्रेस नाले में कैसे फेंक दी गई। बाबू के घर की जांच पहले क्यों नहीं हुई, यह बड़ा सवाल है। अब जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डेय कोरबा बीईओ संजय अग्रवाल को जांच का जिम्मा सौंपने की बात कह रहे हैं, लेकिन जिस बाबू के घर में ड्रेस के साथ ही विज्ञान किट, विज्ञान पेटी, संविधान बुक समेत अन्य सामान मिला था, वह बाबू के अंडर में कार्यरत है। ऐसे में निष्पक्षता से जांच कैसे होगी? जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी प्रायमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस वितरित करता है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए जिले में एक लाख 48 हजार 683 ड्रेस बांटने का दावा विभाग कर रहा है। इस संबंध में बीईओ संजय अग्रवाल से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।